‘तबादला’ अधिकार का मामला नहीं, इलाहबाद हाई कोर्ट ने शिक्षकों के तबादलों के लिए जारी सरकार की नीति को वैध करार दिया

‘तबादला’ अधिकार का मामला नहीं, इलाहबाद हाई कोर्ट ने शिक्षकों के तबादलों के लिए जारी सरकार की नीति को वैध करार दिया

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  • June 20, 2023
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इलाहबाद हाई कोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि शिक्षक अधिकार के रूप में तबादलों की मांग नहीं कर सकते।

इस मामले में दो सहायक शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका दायर कर 2 जून 2023 को तबादलों से संबंधित जारी शासनादेश के खंड 1 और 15 सहित सचिव, बेशिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 8 जून को जारी सर्कुलर को चुनौती देते हुए इसे रद्द किये जाने की मांग की थी।

जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कुलभूषण मिश्रा व अन्य की और से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सामान्य परिस्थितियों में तबादलों के लिए बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा बनाई गई नीति में कोई त्रुटि नहीं है।

कोर्ट ने इस संबध में जारी साशनादेश को वैध करार देते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया।

याचियों का कहना था कि साशनादेश का खंड 1 मनमाना और भेदभावपूर्ण है जो एक पुरुष शिक्षक को तबादले के लिए आवेदन से पूर्व कम से कम 5 वर्ष की अवधि को पूरा करने को अनिवार्य करता है।

याचियों ने इस 5 वर्ष की अवधि के समय सीमा को रद्द किये जाने की मांग करते हुए उनका तबादला यूपी बेसिक शिक्षा टीचर सेवा नियमावली 1981 के नियम 21 के अनुरूप बनाए गए प्रावधानों के तहत किये जाने की मांग की थी।

याचियों ने कोर्ट से कहा था कि सहायक शिक्षकों से तबादलों के लिए आवेदन आमंत्रित करते समय आपसी सहमति से तबादले के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को बाहर करने का कोई औचित्य नहीं था।

याचियों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर भरोसा जताते हुए हुए कोर्ट से मांग की थी कि न्यूनतम अवधि की समय सीमा पर कोई रोक लगाए बिना आपसी सहमति से तबादलों के आवेदन पर उदारतापूर्वक विचार किया जाए।

प्रतिवादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एस के नौशाद रहमान व अन्य बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया 2022 और स्टेट ऑफ़ असम बनाम रंगा मुहम्मद 1967 के मामलो में दिए गए फैसले पर भरोसा जताया जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शिक्षक अधिकार स्वरुप तबादलों की मांग नहीं कर सकते।

बेसिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कोर्ट के समक्ष प्रस्तुति में कहा गया कि तकनीकी खराबियों के कारण आपसी सहमति से तबादलों के लिए ऑनलाइन सेवाएं अभी उपलब्ध नहीं हैं जिसे शीध्र ही शुरू किया जाएगा और याचियों के आवेदन पर नीति के अनुसार विचार किया जाएगा।

कोर्ट के समक्ष बोर्ड की प्रस्तुति के बाद कोर्ट ने 6 सप्ताह के भीतर आपसी सहमति से तबादलों के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू करने और क़ानून के अनुसार योग्य शिक्षकों के दावों पर विचार करने को कहा है।

केस टाइटल : कुलभूषण मिश्रा व अन्य बनाम स्टेट ऑफ़ यु पी व अन्य (WRIT – A No. – 10209 of 2023)

आदेश यहाँ पढ़ें –

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